गोरखपुर की महायोगी गुरु गोरखनाथ AYUSH यूनिवर्सिटी अब एकीकृत करेगा Ayurveda, Unani और Homeopathy कॉलेज

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UP की महायोगी गुरु गोरखनाथ AYUSH यूनिवर्सिटी अब 98 Ayurveda, Unani, Homeopathy कॉलेजों को एकीकृत करेगी, जिससे पारंपरिक चिकित्सा शिक्षा में गुणवत्ता और मानकीकरण आएगा post

उत्तर प्रदेश की महायोगी गुरु गोरखनाथ AYUSH यूनिवर्सिटी, गोरखपुर अब प्रदेशभर के 98 पारंपरिक चिकित्सा महाविद्यालयों को एकीकृत करने की ऐतिहासिक योजना को मूर्त रूप दे रही है। इसमें 76 आयुर्वेद कॉलेज, 10 यूनानी कॉलेज और 12 होम्योपैथी कॉलेज शामिल हैं, जो अब एक समान अकादमिक, प्रशासनिक और गुणवत्ता मानकों के अंतर्गत संचालित किए जाएंगे। अब तक ये संस्थान अलग-अलग विश्वविद्यालयों और परिषदों के अधीन चलते थे, जिससे पाठ्यक्रमों, परीक्षा पद्धतियों और अनुसंधान गतिविधियों में विविधता और असंगतता बनी रहती थी। इस समेकन से न केवल उच्च शिक्षा प्रणाली में मानकीकरण आएगा, बल्कि रिसर्च, शिक्षा गुणवत्ता और रोगियों को मिलने वाली चिकित्सा सेवाओं में भी एकरूपता सुनिश्चित होगी। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने बताया कि अब सभी संस्थानों में समान पाठ्यक्रम लागू किया जाएगा, जिससे छात्रों को बेहतर प्रतिस्पर्धी और नैतिक शिक्षा मिलेगी। इस पहल से इंटीग्रेटेड हेल्थ एजुकेशन मॉडल को बढ़ावा मिलेगा, जिसमें आयुर्वेद, यूनानी और होम्योपैथी के छात्रों को पारस्परिक पद्धतियों की मूलभूत समझ भी दी जाएगी। इसके साथ ही रिसर्च को भी संस्थागत रूप में जोड़ने की योजना है, जिससे देश में पारंपरिक चिकित्सा पर आधारित वैज्ञानिक अध्ययन को नई दिशा मिलेगी। राज्य सरकार ने इस प्रक्रिया को आयुष क्षेत्र में उच्च शिक्षा और तकनीकी बदलाव का केंद्र माना है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे “उत्तर प्रदेश को आयुष शिक्षा में अग्रणी राज्य” बनाने की दिशा में बड़ा कदम बताया है। आने वाले वर्षों में इस यूनिवर्सिटी के अंतर्गत योग, नेचुरोपैथी, सिद्ध और सोवा-रिग्पा पाठ्यक्रमों को भी जोड़ा जाएगा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के आगामी उद्घाटन कार्यक्रम से पूर्व गोरखपुर में व्यापक तैयारियां चल रही हैं, जो इस ऐतिहासिक शिक्षा-संस्थान की भव्य शुरुआत को चिह्नित करेंगी। यह पहल न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश के लिए एक मॉडल बन सकती है, जहां आयुष शिक्षा, तकनीक और प्रशासनिक समन्वय का उदाहरण प्रस्तुत किया जाएगा।