ICMR–AYUSH साझेदारी से पारंपरिक चिकित्सा संस्थानों में क्लिनिकल रिसर्च को बल मिलेगा

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AYUSH मंत्रालय अब पारंपरिक चिकित्सा संस्थानों को ICMR के सहयोग से Evidence‑Based Clinical Research में सम्मिलित करेगा—संयुक्त प्रयास से आधुनिक विज्ञान और आयुष प्रणालियों का एकीकरण मजबूत होगा। post

AYUSH मंत्रालय ने हाल ही में ICMR (Indian Council of Medical Research) के साथ एक समन्वित पहल शुरू की है, जिसके तहत CCIM&H, CCRAS और CCRUM जैसे आयुष अनुसंधान संस्थानों को ICMR को-डेटेड क्लिनिकल ट्रायल्स के लिए समर्थ बनाया जाएगा। इस साझेदारी का लक्ष्य पारंपरिक पद्धतियों में आधुनिक विज्ञान आधारित सबूत जुटाना है, जिससे न्यूरोडिजेनेरेटिव, मैटाबोलिक और संक्रामक रोगों पर आयुष इंटरवेंशन्स की सैद्धांतिक प्रासंगिकता पर वैज्ञानिक दृष्टि से परीक्षण हो सके।

Ministry की हालिया रिपोर्ट से पता चलता है कि पिछले 6 महीनों में CCRAS-ICMR और CCRUM-ICMR की थ्री ट्रायल्स शुरू हो चुके हैं, जैसे आयुर्वेदिक हर्बल मिश्रणों द्वारा Prediabetes में HbA1c सुधार और Unani उपचारों द्वारा Upper Respiratory Tract Infections की तीव्रता कम करना। यह Clinical Evidence Generation पहल भारत में आयुष चिकित्सा के Scientific Credibility को मजबूत करने और Global Health Journals में Clinical Data प्रकाशित करने का मार्ग खोल रही है।

यह कदम आयुष को केवल Wellness और AlternativeCare से आगे Evidence‑Based Therapeutics के एक मानक वैज्ञानिक विकल्प के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक बदलाव है। इससे राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रणाली में पारंपरिक और आधुनिक चिकित्सा का स्वस्थ और वैज्ञानिक संतुलन भी बढ़ेगा।