यूनानी चिकित्सा में AI और जीनोमिक्स की एंट्री: आयुष मंत्रालय का भविष्य की दिशा में बड़ा कदम
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नई दिल्ली | AYUSH World
भारत की पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली — यूनानी चिकित्सा — अब कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और जीनोमिक्स जैसी अत्याधुनिक तकनीकों से सुसज्जित होकर आधुनिक चिकित्सा विज्ञान की मुख्यधारा में तेज़ी से प्रवेश कर रही है।
हाल ही में केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने घोषणा की कि यूनानी चिकित्सा प्रणाली में AI, Machine Learning और जीनोमिक्स का उपयोग किया जाएगा। इसका उद्देश्य है — रोग की पूर्व पहचान, व्यक्तिगत उपचार योजना और डेटा-आधारित चिकित्सा निर्णय विकसित करना।
“भारत की पारंपरिक चिकित्सा अब सिर्फ इतिहास नहीं है, यह भविष्य का विज्ञान बन रही है।”
— डॉ. जितेंद्र सिंह
क्या बदलेगा?
पहले | अब |
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पारंपरिक नुस्खों पर आधारित इलाज | , अब रोगी के DNA, लाइफस्टाइल और डेटा पर आधारित इलाज |
क्लिनिकल अनुभव पर निर्भरता | , अब AI द्वारा सपोर्टेड decision-making |
यूनानी चिकित्सा में नवाचार:
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AI द्वारा रोग निदान में तेजी
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जीनोम डेटा से अनुकूल दवाओं की पहचान
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पुराने रोगों के लिए व्यक्तिगत उपचार पथ
वैश्विक विस्तार की दिशा में भारत:
इस कदम से भारत यूनानी चिकित्सा को वैश्विक स्वास्थ्य प्रणाली में एक वैज्ञानिक विकल्प के रूप में पेश कर सकेगा। WHO के सहयोग से यूनानी चिकित्सा के मानकीकरण पर भी कार्य जारी है।
AYUSH World इस क्रांतिकारी परिवर्तन की आगे की रिपोर्टिंग और विशेषज्ञ राय के साथ जल्द विशेष श्रृंखला शुरू करेगा।
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