आयुर्वेद फार्मेसी शिक्षा में एकरूपता की ओर कदम: पूरे भारत में 2025 से लागू होगा नया राष्ट्रीय पाठ्यक्रम

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आयुर्वेद फार्मेसी शिक्षा में राष्ट्रीय पाठ्यक्रम लागू: 2025 से पूरे देश में एक समान शिक्षा व्यवस्था post

नई दिल्ली | AYUSH World

Ministry of Ayush के अधीन National Commission for Indian System of Medicine (NCISM) ने एक बड़ा शैक्षिक सुधार करते हुए पूरे भारत के आयुर्वेदिक फार्मेसी संस्थानों में Bachelor of Pharmacy (Ayurveda) के लिए Uniform National Curriculum लागू करने का निर्णय लिया है

यह नया पाठ्यक्रम 2025-26 के शैक्षणिक सत्र से पूरे देश में सभी मान्यता प्राप्त BPharm Ayurveda कॉलेजों पर लागू होगा

इसका उद्देश्य देशभर में आयुर्वेद फार्मेसी शिक्षा को एक समान स्तर पर लाना है जिससे छात्रों को quality education मिले और industry में उनकी उपयोगिता मजबूत हो

नए कोर्स स्ट्रक्चर में पारंपरिक आयुर्वेदिक सिद्धांतों के साथ modern pharmaceutical sciences को जोड़ा गया है जैसे HPTLC HPLC extraction processes pharmacovigilance और drug standardization

प्रशिक्षण व्यवस्था को hands-on और outcome-oriented बनाया गया है जिससे छात्र न केवल आयुर्वेदिक औषध निर्माण में निपुण हों बल्कि global pharma standards को भी समझें

इस पाठ्यक्रम में Good Manufacturing Practices (GMP) regulatory affairs और internship को भी शामिल किया गया है

NCISM के वरिष्ठ अधिकारियों का मानना है कि यह curriculum फार्मेसी शिक्षा को व्यवहारिकता और वैश्विक उपयोगिता के दृष्टिकोण से तैयार करेगा

छात्रों के लिए इसका सीधा लाभ यह होगा कि वे किसी भी राज्य या संस्थान से पढ़ाई करें उन्हें industry में एक समान पहचान और अवसर मिलेगा

यह बदलाव भारत के आयुर्वेद दवा उद्योग को अधिक संगठित वैज्ञानिक और competitive बनाएगा साथ ही global AYUSH pharma market में भारत की हिस्सेदारी बढ़ाएगा