आयुर्वेदिक शिक्षा में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का समावेश: भविष्य की दिशा में क्रांतिकारी कदम

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आयुर्वेदिक शिक्षा में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का समावेश: भविष्य की दिशा में क्रांतिकारी कदम post

नई दिल्ली | AYUSH World

भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने आयुर्वेदिक चिकित्सा शिक्षा को आधुनिक तकनीकी युग से जोड़ते हुए एक क्रांतिकारी पहल की घोषणा की है। इस पहल के अंतर्गत कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence - AI) को अब आयुर्वेदिक शिक्षा प्रणाली में शामिल किया जाएगा

यह निर्णय भारत की परंपरागत चिकित्सा को वैज्ञानिक और डेटा-संचालित भविष्य के अनुरूप ढालने की दिशा में उठाया गया महत्वपूर्ण कदम है।

🎯 इस योजना की मुख्य बातें:

AI का समावेश आयुर्वेदिक पाठ्यक्रमों में

स्नातक (BAMS) और स्नातकोत्तर (MD/MS) पाठ्यक्रमों में AI एक वैकल्पिक विषय के रूप में जोड़ा जाएगा।

इससे छात्र डेटा एनालिटिक्स, रोग पहचान, और उपचार प्रोटोकॉल को डिजिटली समझ सकेंगे।

Smart Diagnosis और Personalized Medicine

AI एल्गोरिद्म अब रोगी के जीवनशैली, लक्षणों, और इतिहास को देखकर उपचार योजना तैयार कर पाएंगे।

इससे आयुर्वेदिक चिकित्सा और भी तेज, सटीक और वैज्ञानिक होगी।

AI-सक्षम डिजिटल टूल्स का विकास

Ministry of AYUSH ने NIA, AIIA और IITs के साथ मिलकर आयुर्वेद के लिए AI diagnostic tools और treatment planning software विकसित करने की प्रक्रिया शुरू की है।

शोध और डेटा बैंक

आयुर्वेदिक केस स्टडीज़ और उपचारों का एक डेटा बैंक तैयार किया जाएगा जो AI सिस्टम को ट्रेन करेगा।

यह भारत को आयुर्वेदिक स्वास्थ्य डेटा के क्षेत्र में वैश्विक अग्रणी बना सकता है।

विशेषज्ञ क्या कहते हैं?

“AI और आयुर्वेद का संगम भारत को चिकित्सा की अगली पीढ़ी में नेतृत्व की भूमिका दिला सकता है।”
— डॉ. टी. गोपाल, निदेशक, AIIA

“छात्रों के लिए यह तकनीकी छलांग सीखने की क्षमता और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में आयुर्वेद को सक्षम बनाएगी।”
— प्रो. दीपशिखा शर्मा, राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान, जयपुर

निष्कर्ष:

AI को आयुर्वेदिक शिक्षा में सम्मिलित करना सिर्फ एक नवाचार नहीं — बल्कि यह भविष्य के भारत की चिकित्सा शिक्षा को वैज्ञानिक, सटीक और वैश्विक बनाने की दिशा में नींव रखने जैसा है।